रजनी कान्त तिवारी ( नेशनल थोट्स ) – एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल को पतंग उड़ाने का बहुत शौक था। उसे रंग-बिरंगी पतंगें आसमान में नाचती हुई देखना बहुत अच्छा लगता था। एक दिन, उसके जन्मदिन पर, उसे एक खूबसूरत, बड़ी पतंग मिली। वह उसे उड़ाने के लिए बहुत उत्साहित था।
वह खुले मैदान में गया और पतंग को हवा में छोड़ दिया। पतंग ऊंची और ऊंची उड़ने लगी। राहुल खुशी से नाच रहा था। लेकिन अचानक, एक तेज हवा का झोंका आया और उसकी पतंग टूटकर जमीन पर गिर गई। राहुल बहुत निराश हुआ। उसकी आंखों में आंसू आ गए।
उसका एक बूढ़ा पड़ोसी, जो उसे खेलते हुए देख रहा था, उसके पास आया और उससे पूछा कि क्या हुआ है। राहुल ने उसे बताया कि उसकी पतंग टूट गई है। बूढ़े ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, कभी-कभी जिंदगी में भी पतंगों की तरह हम टूट जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम फिर कभी नहीं उड़ सकते।”
उसने राहुल को एक टूटी पतंग उठाई और दिखाई। फिर उसने उसे बताया कि कैसे वह टूटी पतंगों को ठीक करता है और उन्हें फिर से उड़ने देता है। राहुल ने बूढ़े को ध्यान से देखा और सीखा। उन्होंने साथ मिलकर राहुल की पतंग को ठीक किया।
अगले दिन, राहुल ने अपनी ठीक की हुई पतंग को फिर से उड़ाया। इस बार, वह पहले से भी ज्यादा ऊंची उड़ी। राहुल बहुत खुश था। उसने सीखा कि असफलता का मतलब जीवन का अंत नहीं है। यह हमें और मजबूत बनाता है और हमें सिखाता है कि कैसे फिर से उड़ान भरनी है।
यह कहानी आज भी प्रासंगिक है हमें असफलताओं से हार नहीं माननी चाहिए। हमें उनसे सीखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
- असफलता से कभी हार न मानें।
- दृढ़ता और आशा के साथ प्रयास करते रहें।
- हर असफलता एक सीख है, जिसका उपयोग आप सफलता प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
- अपने लक्ष्यों को कभी न छोड़ें।
- असफलता से कैसे उबरें
- अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें