किसी घने जंगल में एक बहुत ही शेर रहता था। अपने पेट की भूख शांत करने के लिए रोज अनेक जानवरों को मार डालता था। ऐसे में अब सभी जानवर चिंतित हो गये। सबने निर्णय लिया की इस विषय पर शेर से बात किया जाय। अंत में तय हुआ की बारी-बारी से एक-एक दिन एक-एक जानवर शेर के पास भोजन बनने जायेगा। इस तरह सबके मृत्यु का क्रम चलता रहा तो एक दिन एक खरगोश की बारी आई तो वह शेर के हाथों मरना नहीं चाहता था और यही बात सोचते हुए खरगोश जा रहा था की रास्ते में उसे एक कुआ दिखाई दिया जिसमें पानी भी था तो खरगोश को एक युक्ति आई और वह शेर के पास पहुंचा और बोला “महाराज रास्ते में आपसे भी अधिक शक्तिशाली शेर मिला और बोला मैं तुम्हें मारकर खाऊंगा, लेकिन मैं किसी तरह जान बचाकर आपके पास आया हुं”। यह बात सुनते ही शेर भड़क उठा और बोला मेरे से अधिक बलशाली शेर कहा से आ गया। मुझे उसके पास ले चलो। खरगोश शेर को कुए के पास ले गया और बोला महाराज देखो इसी गुफा में वो शेर है फिर जैसे ही शेर कुंए में झाका तो उसकी परछाई दिखी तो वह भड़क उठा और जोर से दहाड़ा और उसकी वही आवाज कुए से वापस लड़कर बाहर निकली। इतने में अपने बल के घमंड में चूर बिना सोचे समझे कुए में कूद गया और मर गया।
शिक्षा: बल की अपेक्षा बुद्धि हमेशा शक्तिशाली होती है इसलिए हमारे ऊपर चाहे कितनी भी बड़ी विपत्ति क्यों ना आ जाये हमे हमेशा बुद्धि से ही काम लेना चाहिए और जो लोग बुद्धि से काम लेते है वही लोग अपनी रक्षा कर पाते है।