( नेशनल थोट्स ) एक अंधेरे कमरे में, एक छोटी सी मोमबत्ती जली हुई थी। वह अपने आस-पास के अंधेरे को देखकर उदास हो गई और सोचने लगी, “मैं कितनी छोटी और कमजोर हूं। मैं इस विशाल अंधेरे को कैसे दूर कर सकती हूं?”इसी समय, एक हवा का झोंका आया और मोमबत्ती की लौ बुझाने की कोशिश की।
मोमबत्ती डर गई और बोली, “कृपया मुझे मत बुझाओ! मैं पहले से ही बहुत छोटी हूं, और अगर आप मुझे बुझा देंगे, तो अंधेरा और भी गहरा हो जाएगा।”हवा ने धीरे से कहा, “छोटी सी मोमबत्ती, तुम यह नहीं समझती। तुम जितना सोचती हो, उससे कहीं ज्यादा मजबूत हो। अपनी रोशनी जलाए रखो, भले ही वह कितनी भी छोटी क्यों न हो। तुम दूसरों को आशा और प्रेरणा दे सकती हो।”
मोमबत्ती ने हवा की बातों पर ध्यान दिया और उसने अपनी लौ को और भी तेज जलाना शुरू कर दिया। उसकी रोशनी धीरे-धीरे कमरे में फैलने लगी, भले ही वह बहुत बड़ा नहीं था। धीरे-धीरे, एक और मोमबत्ती जल उठी, फिर दूसरी, और फिर तीसरी। जल्द ही, कमरा रोशनी से भर गया।
छोटी सी मोमबत्ती को एहसास हुआ कि उसने अकेले अंधेरे को दूर नहीं कर सकती थी, लेकिन उसने दूसरों को भी अपनी रोशनी जलाने के लिए प्रेरित किया, और साथ में उन्होंने एक बड़ा बदलाव लाया।
सीख
यह कहानी हमें सिखाती है कि हम सब छोटे हो सकते हैं, लेकिन हमारे पास अभी भी दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति है। हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए, भले ही परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों। सकारात्मक सोच और दृढ़ता के साथ, हम महान चीजें हासिल कर सकते हैं।