किसी गांव में एक लड़का रहता था। उस लड़के की एक बहुत बड़ी कमजोरी थीं हद से ज्यादा दूसरों के पास जाता, हद से ज्यादा दूसरों को भाव देता था। कई बार लोग उसका मजाक उड़ाते, मजाक उड़ने के बाद भी वह चुप ही रहता था। लोग उस लड़के का बहुत इस्तेमाल भी करते थे। उससे अपना काम निकलवाते, एक बार काम निकल जाने के बाद पूछते तक नहीं थे।
वह लड़का दिन रात दूसरों के लिए पागल रहता था । बदले में उसके होने या नही होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह कभी भी दूसरों को किसी काम के लिए इनकार नहीं कर पाता था, और एक बार किसी ने उससे मदद मांग लिया तो उसे मना नही कर पाता था जिसके परिणामस्वरूप वह पढ़ाई में भी पिछड़ता जा रहा था
उसके कुछ दोस्त थे जिसके पास वो जाता ताकि वो अकेले ना रहे और मजे कर सकें। उसके दोस्त बस उसे नाम के लिए पूछते थे अगर वो होता तो भी ठीक है नही होता तो भी ठीक है ऐसा ही सिलसिला कई महीनों तक चलाता रहा। इस लड़के को धीरे-धीरे एहसास होने लगा था की लोग उसका इस्तेमाल सिर्फ काम के लिए ही करते हैं। एक बार उनका मतलब निकल जाता हैं तो दुबारा मुझे पूछते तक नही है।
यह बात उसे अंदर से तोड़ती थीं, झकझोरती थीं लेकिन वह उसी काम को दुबारा करता था फिर से उन्हीं लोगों के पास जाता अगर उसे कोई बोल भी देता तो उसे जवाब नही देता था इसी बीच उसका ध्यान ना पढ़ाई में लगता और ना ही किसी दुसरे काम में। गलती लोगों की नही बल्कि इस लड़के की ही थी क्योंकि वह चार लोगों में, उन चार दोस्तों में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करता था जो साथ नही भी होना चाह रहे थे। उन्हें भी जबरदस्ती अपना बनाने की कोशिश कर रहा था।
ऐसे बहुत दिन बीतते गए और आखिरकार वह भी दिन आया जब उसे पूरी तरह से इस बात का एहसास हुआ की वो इस जमाने में सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़ाक बन कर रह गया है ना उसका वजूद हैं और ना ही कोई वैल्यू है। जिस दिन लड़के को इस बात का एहसास हुआ वो इस जमाने में मजाक बन के रह चुका है उसे बहुत बुरा लगा और वह अकेले में बंद करके रोता है। अगले दिन से वह सबकुछ बदलने की कोशिश करता हैं।
उस रात वह बहुत रोया और यह निर्णय लिया। उसे अब इस जमाने में मज़ाक नही बल्कि बड़ा इंसान बनाना है। अब वो इतना सस्ता नही होना चाहता की कभी भी उसका कोई भी इस्तेमाल कर ले। वह अपने आप को इतना कीमती बनाना चाहता था की लोगों को इस्तेमाल करने से पहले उसकी औकात याद आ जाएं। उन्हें बात करने से पहले अपनी औकात नापने की नौबत पड़ जाए।
ये तो शुरुवात थीं और शुरुवात में इतनी हिम्मत दिखाना उसके लिए थोड़ी मुश्किल थीं लेकिन इस बार बात इसके अपने वजूद को मजबूत करने के लिए थी। वह हिम्मत जुटाया फैसला लिया की अब मुझे कर दिखाना हैं। अगली सुबह से अब वह लोगों को देखना कम कर देता हैं।
उन चार दोस्तों में पहले जिसे इसकी जरूरत नही थीं अब वही इसकी कमी खलने लगती हैं। अब वह सिर्फ अपने पढ़ाई पर जोर डालता है, फ़ोन को हाथ में रखना बंद कर देता हैं ताकि वो भटक ना जाएं अब वह पूरी तरह बदल चुका होता हैं। उसको अब कोई काम के लिए बोलता तो वह पहले अपने काम देखता। अगर उसके पास पहले से ही कोई काम या जिमेदारिया होती तो वह सामने से मना कर देता हैं अब वह ऐसी कोई गलती नही करता जो उसके वजूद को हिला दें।
वह अपनी दिशा बदल चुका था रफ्तार बढ़ा चुका था उसने अपने आप को हर काम, हर सब्जेक्ट में परफेक्ट किया। जहां पहले उसे सिर्फ़ पास होने तक के नंबर चाहिए होते थे अब वह 80% आने के बाद भी नाखुश था। उसका दिल और दिमाग अपने उसूलों पर चलने लगा था। अगर उसे अब कोई एक बार गलत बोलता तो वह उसे दस बार गलत साबित करता था। सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने सपनों को पुरा करने के पिछे पागल रहने लगा था अब लोग कहने लगे थे अरे यह इतना कैसे बदल गया है।
धीरे-धीरे वह अपने समाज में मशहूर होते चला गया। उसके समाज के लोग यह सोचते की यह कैसे इतना बदल गया। वही लोग जो इसको भाव तक नही देते थे उसे पहले जैसा देखने के लिए तरसते थे। इसने अपनी तैयारी में दिन रात एक कर अपने होशियारी से सरकारी नौकरी हासिल की। जो रिश्तेदार उसे ब्लॉक करके रखते थे अब उसके कॉल का इंतजार करते थे।
यह कहानी उस एक लड़के की नही हैं बल्कि हर तीसरे व्यक्ति में से एक व्यक्ति की कहानी हैं। दुनियां वाले भाव नही देते हैं लेकिन उनके पिछे भागते रहते है अपने आप को वैल्यू नही देते हैं। जिस दिन आप अपने आप को वैल्यू देना शूरू कर देंगे और अपने आप को बदल लेंगे उस दिन आप अपने जीवन के हीरों बन जायेंगे ।