समर्पण को देख लोग प्रभावित हुए
प्रेमचंद के इस समर्पण भाव को देखकर लोग प्रभावित हो रहे थे। स्त्री – पुरुष सभी उनके प्रभाव में असहयोग आंदोलन में शामिल हो रहे थे और महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे थे। तभी महिलाओं को भी इस आंदोलन में अधिक संख्या में शामिल करने के लिए विचार किया गया। सभी ने सुझाव दिया प्रेमचंद की पत्नी इस संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाएं सभी महिलाएं उनके नेतृत्व में अपना समर्थन देंगी।
अंग्रेजों की हिलाई नीव
काफी सोच विचार के बाद प्रेमचंद की पत्नी ने असहयोग आंदोलन में गृहणी होते हुए भी अग्रणी भूमिका निभाई और अपने नेतृत्व में महिला मंडली का एक बड़ा दल खड़ा किया। आरम्भ में कुछ संकोच हुआ किंतु स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर लोगों में आत्मसम्मान की अनुभूति होने लगी। इसमें महिला मंडली का विशेष योगदान रहा , जिसने न सिर्फ अपने घर परिवार के लोगों को प्रेरित किया बल्कि उनसे प्रेरित होकर पूरा भारत अंग्रेजों के विरुद्ध खड़ा हो गया , जिसने अंग्रेजों की नींव हिलाने का कार्य किया।
कहानी से मिली सीख : आत्मसम्मान इंसान के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है | आपको कभी-भी कोई दूसरे संचालित नहीं कर सकता | स्वयं पर भरोसा रखें |