You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

Motivational Story : बटुए का रहस्य

Share This Post

एक राज्य का राजा न्याय प्रियता के लिए प्रसिद्ध था | एक बार उसके सामने एक अजीब मामला आया | जिसमें तय कर पाना मुश्किल था कि कौन अपराधी हैं ?


एक भिखारी रास्ते से गुजर रहा था तभी उसकी नजर पैसे से भरे एक बटुये पर पड़ी | उसने उसे उठाकर देखा तो उसमे सों मोहरे थी | उसने सोचा इसे राजकीय विभाग में दे देना चाहिये | उसके ऐसा सोचते वो वहाँ से निकल पड़ा | तभी उसे एक व्यक्ति मिला जिसने बटुआ देख भिखारी को बोला – यह मेरा बटुआ हैं | तुम मुझे लौटा दो | परितोषित के रूप में मैं बटुये में रखे धन का आधा तुम्हे दे दूंगा | यह सुन भिखारी ने उस राहगीर को बटुआ दे दिया | राहगीर कुछ चालाक प्रतीत हो रहा था | उसने जैसे ही बटुये को देखा तो कहने लगा इसमें दो सो मुहरे थी | इसका मतलब सो तुमने पहले ही ले ली | अब मुझे तुम मेरी सो मुहरे लौटा दो |
भिखारी को बहुत गुस्सा आया | भिखारी की नियत में खोट ना था इसलिए उसने राजा के पास न्याय के लिए जाना स्वीकार किया | दोनों राजा के दरबार गये और पूरा किस्सा राजा को विस्तार से सुनाया गया | राजा ने कुछ देर सोचा और विचार कर तय किया कि राहगीर ही गलत हैं क्यूंकि भिखारी को तो आधे धन की भी लालसा नहीं थी वो तो राजकीय विभाग में मुहरे देने जा रहा था | जिस तरह से रास्ते में राहगीर ने यह सौदेबाजी की हैं | मतलब वो इस बटुए में रखी धन राशि के बारे में जानता था |

यह बटुआ उसी का हैं लेकिन उसके मन में लालच आ गया और उसने परिस्थिती का फायदा उठाने और अधिक धन पाने की लालच में यह सब बवंडर रचा | राजा ने उसे सबक सिखाने के लिए न्याय के रूप में बटुये का आधा धन भिखारी को दिया और आधा राजकोष में दे दिया | और उस राहगीर से कह दिया गया कि यह बटुआ उसका नहीं हैं | जब उसका बटुआ मिलेगा उसे दे दिया जायेगा | इस तरह राहगीर को लालच के फलस्वरूप खुद का धन भी वापस ना मिला |

इसलिए बड़े बुजुर्ग कहते हैं लालच बुरी बला हैं | किसी भी चीज को पाने की मंशा में अच्छे बुरे का ध्यान न रखना ही लालच का भाव हैं | जिस वस्तु पर आपका कोई अधिकार ना हो उसे पाने की चाह भी लालच का स्वरूप हैं | इस भाव से सदैव दूर रहे क्यूंकि यह विनाश का रास्ता हैं | जिस प्रकार कोरवो को सत्ता का लालच था और उन्होंने उसे पाने के लिए कई षड्यंत्र रचे लेकिन अंत में उन्हें जीवन से भी हाथ धोना पड़ा |

लालच का भाव ही मनुष्य को अहित के मार्ग पर ले जाता हैं | लालच में उसे सही गलत का भान नहीं रहता | उसे बस पाने की चाह होती हैं | ऐसे में वो एक अंधे रास्ते पर इतना अन्दर तक चला जाता हैं कि जब उसे गलती का पता चलता हैं तब वो वापस भी नहीं लौट पाता |

कहानी से मिली सीख : इसलिए कहते हैं लालच बुरी बला हैं कहावते अपने छोटे स्वरूप में भी अथाह ज्ञान के लिए होती हैं | इस तरह कहावतो पर बनी कहानी पढ़कर या सुनाकर आप अपने बच्चो को सही गलत का ज्ञान दे सकते हैं | ऐसी कहानियाँ सदैव यादों में जगह बना लेती हैं और मनुष्य को मार्गदर्शन देती हैं |

ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियों को पढ़ने के www.nationalthoughts.com पर क्लिक करें | इसके साथ ही देश और दुनिया से जुड़ी अहम जानकारियों को जानने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल NATIONAL THOUGHTS को SUBSCRIBE करें और हमेशा अपडेटेड रहने के लिए हमें FACEBOOK पर FOLLOW करें |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *