नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शायर श्री मुनव्वर राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जन्मे शायर श्री मुनव्वर राणा ने उर्दू साहित्य और शायरी में अपना समृद्ध योगदान दिया है।
एक्स पर अपनी एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा:
“श्री मुनव्वर राणा जी के निधन से दुख हुआ। उन्होंने उर्दू साहित्य और काव्य में समृद्ध योगदान दिया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
Pained by the passing away of Shri Munawwar Rana Ji. He made rich contributions to Urdu literature and poetry. Condolences to his family and admirers. May his soul rest in peace.
दिल का दौरा पड़ने से निधन
मुनव्वर राना का 71 वर्ष की आयु में रविवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। काफी समय से बीमार चल रहे राना यहां संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थे। सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे। 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था।
मुनव्वर राना का 71 वर्ष की आयु में रविवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। काफी समय से बीमार चल रहे राना यहां संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थे। सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे। 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था।
रायबरेली में हुआ था मुनव्वर का जन्म
मुनव्वर का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। 2014 में उन्हें उनकी लिखी कविता शाहदाबा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे सरकार को वापस लौटा दिया था। मुनव्वर राना उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है।
मुनव्वर का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। 2014 में उन्हें उनकी लिखी कविता शाहदाबा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे सरकार को वापस लौटा दिया था। मुनव्वर राना उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है।