भारतीय नौसेना ने अपनी तकनीक को हाईटेक बनाने के लिए हाल ही में कई उन्नत हथियार और उपकरण शामिल किए हैं। इनमें ड्रोन और निगरानी उपकरण भी शामिल हैं, जो युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाते हैं। खासकर, भारतीय नौसेना ने अमेरिका से MQ-9B सी गार्जियन ड्रोन पट्टे पर लिया है, लेकिन हाल ही में इस ड्रोन में तकनीकी खराबी की खबर सामने आई है।
भारतीय नौसेना का MQ-9B सी गार्जियन ड्रोन, जिसे अमेरिका से पट्टे पर लिया गया है, बुधवार को नियमित निगरानी मिशन के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। इस ड्रोन को चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में उतार दिया गया। नौसेना ने 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद यह ड्रोन अमेरिकी नौसेना से पट्टे पर लिया था। यह ड्रोन INS राजाली, अराकोणम से संचालित हो रहा था और खराबी के बाद इसे सुरक्षित रूप से समुद्र में उतारा गया।
भारतीय नौसेना ने इस घटना के बाद MQ-9B ड्रोन के मूल उपकरण निर्माता (OEM) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। नौसेना के अनुसार, ड्रोन में आई खराबी को उड़ान के दौरान रीसेट नहीं किया जा सका, जिसके कारण इसे समुद्र में नियंत्रित रूप से उतारा गया।
भारत 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की योजना बना रहा है, जिससे देश की निगरानी और रक्षा क्षमताओं में भारी सुधार होगा। रक्षा मंत्रालय ने इस समझौते के लिए जून 2023 में मंजूरी दी थी। इन ड्रोन का इस्तेमाल खासकर समुद्री निगरानी और टोही अभियानों में किया जाता है, जिससे भारतीय सेना को विशेष रूप से चीन के साथ विवादित सीमा क्षेत्रों में मदद मिलने की उम्मीद है।
MQ-9B सी गार्जियन एक उच्च ऊंचाई वाला और लंबे समय तक चलने वाला ड्रोन है, जिसे जनरल एटॉमिक्स द्वारा विकसित किया गया है। यह ड्रोन समुद्री निगरानी और खुफिया मिशनों के लिए आदर्श है और इसे भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से पट्टे पर लिया गया था।
भारतीय नौसेना इस ड्रोन से अपनी निगरानी और सुरक्षा क्षमताओं को और सुदृढ़ करने की योजना बना रही है।