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“गुजरात में कुदरत का कहर: बाढ़ का खतरा बढ़ा”

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गुजरात में लगातार बारिश और बाढ़ के चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं। अहमदाबाद, कच्छ, वडोदरा समेत कई बड़े शहर बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे सड़कों और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। वडोदरा में स्थिति और भी विकट है, जहां रेजिडेंशियल कंपाउंड तक पानी से भर चुके हैं।

मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि कच्छ क्षेत्र में चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने आपातकालीन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार, 30 अगस्त को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जामनगर, पोरबंदर, द्वारका आदि जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

30 अगस्त को राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ मध्यम बारिश की संभावना है। IMD ने सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों के लिए 31 अगस्त तक भारी से बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी है।
कच्छ कलेक्टर अमित अरोड़ा ने चक्रवात के खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों के लिए सार्वजनिक सलाह जारी की है।
IMD ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा है कि सुरेंद्रनगर, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, मोरबी, द्वारका, गिर सोमनाथ, बोटाद, कच्छ और दीव में बारिश की संभावना है।
जामनगर, पोरबंदर, द्वारका और कच्छ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि राजकोट, जूनागढ़, मोरबी आदि जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है।

बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी है। गुजरात सरकार के अनुरोध पर, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना की छह टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं ताकि राहत कार्यों को तेज़ी से अंजाम दिया जा सके।

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