सरवाईकल के लक्षण और प्राकृतिक उपाय
लक्षण:
- गर्दन और कंधों में दर्द
- गर्दन में जकड़न
- सिरदर्द
- हाथों में झुनझुनी या सुन्नता
- कमजोरी
- थकान
- चक्कर आना
1. योगासन:
- भुजंगासन: यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और गर्दन के दर्द को कम करता है।
- मार्जरासन: यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- बालासन: यह आसन गर्दन और कंधों को आराम देता है।
- शवासन: यह आसन शरीर को पूरी तरह से आराम देता है और तनाव को कम करता है।
2. व्यायाम:
- गर्दन को घुमाना: अपनी गर्दन को धीरे-धीरे दायीं ओर, बायीं ओर, ऊपर और नीचे घुमाएं।
- गर्दन को आगे और पीछे झुकाना: अपनी गर्दन को धीरे-धीरे आगे और पीछे झुकाएं।
- कंधे का व्यायाम: अपने कंधों को ऊपर, नीचे, आगे और पीछे घुमाएं।
4. आयुर्वेदिक उपचार:
- हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करते हैं।
- अदरक: अदरक में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह दर्द से राहत देता है।
- लहसुन: लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करते हैं।
5. घरेलू उपचार:
- सर्दियों में गर्दन को गर्म रखें: सर्दियों में गर्दन को गर्म रखने से दर्द कम होता है।
- दर्द से राहत के लिए आइस पैक: दर्द से राहत के लिए आइस पैक का उपयोग करें।
- अच्छी मुद्रा बनाए रखें: अच्छी मुद्रा बनाए रखने से गर्दन पर दबाव कम होता है।
- तनाव कम करें: तनाव कम करने से गर्दन के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।