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Naturopathy: Treatment without medicine, Dr. Dharmendra Kumar Mishra

Naturopathy : बिना दवाई करें ईलाज ,डॉ धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा

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रक्तचाप (Blood Pressure) शरीर में रक्त के प्रवाह द्वारा धमनियों की दीवारों पर exerted ( डाला गया ) दबाव होता है। यह दो संख्याओं द्वारा मापा जाता है – सिस्टोलिक (Systolic) और डायस्टोलिक (Diastolic)। सिस्टोलिक रक्तचाप वह दबाव होता है जब हृदय धड़कता है, जबकि डायस्टोलिक रक्तचाप वह दबाव होता है जब हृदय धड़कन के बीच आराम करता है।

उम्र के अनुसार सामान्य रक्तचाप:

उम्र सिस्टोलिक (mmHg) डायस्टोलिक (mmHg)
0-2 वर्ष 100/60 70/45
3-5 वर्ष 105/65 75/50
6-12 वर्ष 110/70 80/55
13-17 वर्ष 120/75 85/60
18-24 वर्ष 120/80 80/60
25-34 वर्ष 120/80 80/60
35-44 वर्ष 125/80 85/65
45-54 वर्ष 130/85 85/65
55-64 वर्ष 135/85 85/65
65-74 वर्ष 140/90 90/65
75 वर्ष और उससे अधिक 145/90 90/65

उच्च रक्तचाप 

उच्च रक्तचाप तब होता है जब रक्तचाप सामान्य स्तर से अधिक होता है। यह हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है।

उच्च रक्तचाप के प्राकृतिक उपचार:

  • नियमित व्यायाम: व्यायाम रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं।
  • वजन कम करना: यदि आप अधिक वजन वाले या मोटे हैं, तो वजन कम करने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • तनाव कम करें: तनाव रक्तचाप को बढ़ा सकता है। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
  • नमक का सेवन कम करें: नमक रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
  • पोटेशियम का सेवन बढ़ाएं: पोटेशियम रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।

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