प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने इसे संविधान निर्माण के 75 वर्षों के अवसर पर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मोदी ने कहा कि ये नए कानून नागरिकों के अधिकारों के संरक्षक बनेंगे और देश में लोकतांत्रिक आदर्शों को साकार करने में मदद करेंगे।
आतंकवाद पर सख्ती
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नए कानूनों के तहत आतंकवादी और आतंकी संगठन अब कानूनी जटिलताओं का फायदा नहीं उठा पाएंगे। यह देश की सुरक्षा को और मजबूत करने का एक बड़ा प्रयास है।
भारतीय न्याय संहिता का महत्व
मोदी ने कहा कि ‘भारतीय न्याय संहिता’ का आरंभ स्वतंत्र भारत के न्यायिक और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाता है। यह संविधान में निहित आदर्शों को पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास है। उन्होंने न्याय व्यवस्था के सामने आई चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि नए कानून व्यवहारिक और भविष्यवादी दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में आजादी के बाद, देशवासियों को उम्मीद थी कि अंग्रेजी शासन के साथ-साथ उनके बनाए कानून भी समाप्त होंगे। लेकिन दशकों तक औपनिवेशिक कानूनों के आधार पर ही न्याय व्यवस्था चलती रही। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड (IPC) और सीआरपीसी जैसे कानूनों का मकसद भारतीयों को दंडित करना और उन्हें गुलाम बनाए रखना था।
राष्ट्रीय चिंतन की आवश्यकता
मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद देश को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकालने की जरूरत थी। उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए अपने भाषण में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आह्वान किया था। अब नए कानून, जैसे भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, इसी दिशा में एक मजबूत कदम हैं।
लोकतंत्र की सशक्तीकरण की दिशा में पहल
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई न्याय संहिता लोकतंत्र के आधारभूत सिद्धांतों को सशक्त कर रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और न्यायपालिका के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इन कानूनों को तैयार करने में मदद की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए आपराधिक कानूनों को राष्ट्रीय निर्माण के लिए एक बड़ा कदम बताया। यह कानून देश के विकास और सुरक्षा के लिए नागरिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेंगे और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करेंगे।