बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गठबंधन की घोषणा करते हुए संकेत दिया था कि भाजपा-जेडीयू गठबंधन अब मजबूती से खड़ा है। इस चुनावी साल में, बिहार सरकार ने केंद्रीय बजट से पहले केंद्र को 32 पन्नों का ज्ञापन भेजा है, जिसमें राज्य के विकास के लिए उदार धन आवंटन की मांग की गई है।
बाढ़ नियंत्रण के लिए नेपाल से सहयोग
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उत्तर बिहार में वार्षिक बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए नेपाल सरकार के साथ ऊंचे बांध बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने केंद्र से बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) के तहत गंडक, कोसी और कमला जैसी प्रमुख नदियों से आने वाली बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए 90% केंद्रीय सहायता वाली योजनाओं को मंजूरी देने का आग्रह किया।
बुनियादी ढांचे में सुधार
चौधरी ने बिहार के 26 जिलों में कुशल जल निकासी के लिए अतिरिक्त पुलों और पुलियों की आवश्यकता को रेखांकित किया। इसके लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसके अलावा, बिहार के लिए एक अतिरिक्त उधारी सीमा की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है, जब तक राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत तक नहीं पहुंच जाती।
सौर ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में विकास
चौधरी ने बिहार में 50-100MW क्षमता वाले सौर पार्क स्थापित करने की मांग की और मौजूदा समयसीमा को 2028 तक बढ़ाने का सुझाव दिया। इसके अलावा, बिहार में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) की स्थापना की मंजूरी की भी मांग की गई है।
उच्च-गति रेलवे और हवाई अड्डे का विकास
राजगीर और भागलपुर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के साथ-साथ दरभंगा हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करने का प्रस्ताव भी किया गया। इसके अलावा, रक्सौल-दिघवारा और लदानिया-नवादा जैसे उच्च गति वाले कॉरिडोर के निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
सम्राट चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए बिहार में 10 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की मांग की है।
बिहार सरकार का यह ज्ञापन केंद्र से राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण समर्थन की उम्मीद कर रहा है। यदि इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है तो बिहार में बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।