केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिन्हें आज की राजनीति का चाणक्य माना जाता है, को जन्मदिन पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है। चुनावी रणनीति के उस्ताद अमित शाह की सूक्ष्म चुनावी प्रबंधन की दृष्टि के कारण भाजपा का विजय रथ पिछले दस वर्षों से निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के समान, अमित शाह भी कार्यकर्ताओं को लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं।
जब अमित शाह भाजपा अध्यक्ष बने, तो उन्होंने संगठन में 24 घंटे कार्य करने की संस्कृति को स्थापित किया। उनके द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ने की प्रक्रिया ने भाजपा को चुनावी तैयारी में दूसरों से आगे रखा है। उनके प्रयासों के कारण भाजपा ने हर जिले में कार्यालय खोले, जिससे यह पार्टी वास्तविकता में एक राष्ट्रीय पार्टी बन पाई।
अमित शाह को एक प्रयोगात्मक नेता के रूप में देखा जाता है, जो विचारधारा और नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं। उनका ध्यान न केवल नए चेहरों को आगे बढ़ाने पर है, बल्कि वह दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को भी अपने साथ लाने का प्रयास करते हैं। अनुशासन में रहते हुए, अमित शाह अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करते हैं और पार्टी के खिलाफ काम करने वालों को सरेआम डांटने से नहीं हिचकते।
अमित शाह की नरेंद्र मोदी के साथ ट्यूनिंग एक मिसाल है। मोदी ने कठिन कार्य अमित शाह को सौंपे, और उन्होंने सफल रणनीति बनाकर उन्हें अंजाम तक पहुँचाया। मोदी ने अमित शाह को एक असाधारण प्रशासक बताते हुए कहा कि वह विकसित भारत की परिकल्पना के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं।
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। बाद में उन्हें गृह मंत्री बनाया गया। सहकारिता मंत्रालय का गठन होने पर उन्हें सहकारिता मंत्री का भी दायित्व मिला।
अमित शाह को शुभकामनाएं देते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें अत्यंत कर्मठ नेता बताया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उनके योगदान को सराहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें “अनुशासन और परिश्रम का जीवित प्रतीक” बताते हुए बधाई दी।
इस प्रकार, अमित शाह के जन्मदिन पर उन्हें मिली बधाइयाँ उनकी मेहनत और नेतृत्व के प्रति लोगों की सराहना को दर्शाती हैं।