हालांकि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है, लेकिन रूस अब भी भारत का प्रमुख सहयोगी बना हुआ है। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की एक मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें लावरोव जयशंकर के कॉलर को छूते नजर आ रहे हैं। यह इशारा बताता है कि यह सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि गहरी मित्रता पर आधारित बातचीत थी।
G20 बैठक में जयशंकर-लावरोव की मुलाकात
यह मुलाकात दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई। जयशंकर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग और यूक्रेन संघर्ष से जुड़े हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की। दोनों देशों ने भविष्य में भी संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
यूक्रेन युद्ध और भारत की भूमिका
इससे पहले, जयशंकर ने रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से यूक्रेन युद्ध की समाप्ति पर चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने म्यूनिख में यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा से भी मुलाकात की और शांति प्रयासों को लेकर बातचीत की।
यूक्रेन के मंत्री एंड्री सिबिहा ने कहा,
“हम भारत के साथ संबंध विकसित करने और व्यापार, कृषि, सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में रुचि रखते हैं। साथ ही, हम वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत भूमिका पर भरोसा करते हैं।”
अमेरिका के साथ साझेदारी, लेकिन रूस बना प्राथमिकता
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी, जहां भारत-अमेरिका सहयोग को लेकर कई घोषणाएं हुईं। हालांकि, रूस के साथ भारत की गहरी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है।
लावरोव और जयशंकर की इस मुलाकात ने यह साफ कर दिया कि भारत-अमेरिका साझेदारी बढ़ने के बावजूद, रूस भारत के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय साझेदार बना रहेगा।