वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद में पेश होने वाला है, जो वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करेगा। सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक कल संसद में पेश किया जा सकता है। इसका उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है। इसमें यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को भी हटाने का प्रयास किया गया है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं। विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और इन निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।
संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त को समाप्त होने वाला है। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ‘जाति आधारित जनगणना’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, “मैं तत्काल महत्व के एक निश्चित मामले पर चर्चा के उद्देश्य से सदन के कामकाज को स्थगित करने के प्रस्ताव पर अनुमति मांगने के अपने इरादे की सूचना देता हूं, अर्थात्: आज मैं जाति-आधारित जनगणना की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करता हूं।”
वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए वित्त विधेयक, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किया था, पर आज लोकसभा में विचार किया जाएगा और पारित किया जाएगा। 6 अगस्त 2024 को निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने वाले विधेयक पर आगे विचार किया जाएगा। निर्मला सीतारमण इसे आगे बढ़ाएंगी और विधेयक पारित किया जाएगा।
निष्कर्ष: वक्फ (संशोधन) विधेयक, जाति आधारित जनगणना पर चर्चा और वित्त विधेयक पर विचार संसद के प्रमुख मुद्दे हैं। इन घटनाक्रमों के साथ-साथ विपक्ष की प्रतिक्रियाओं और प्रस्तावित विधेयकों की प्रक्रिया पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।