सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ भाजपा नीत एनडीए के साथ आम सहमति बनने के बाद विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा। विपक्षी दल द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने की बात कहने के बाद सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को तैनात किया था।
सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के उपसभापति का पद मिल सकता है। मंगलवार को पिछली लोकसभा में अध्यक्ष रहे ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की, जिसमें संकेत दिया गया कि एनडीए निरंतरता का विकल्प चुन सकता है। इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि अगर एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवार पर आम सहमति बन जाती है तो उपसभापति का पद विपक्ष को मिल सकता है। भाजपा ने 2014 में एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई का सभापति नियुक्त किया था। यह पद 2019 से खाली है।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 जून है। अगर विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारा तो बुधवार को चुनाव होता। भारत के संसदीय इतिहास में सभी अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुने गए हैं। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के बाद स्पीकर पद पर आम सहमति बनी है। विपक्षी नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए गठित समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है और सरकार पर अस्थायी पद के लिए लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य की नियुक्ति न करके परंपरा से भटकने का आरोप लगाया है।