नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स)- दिल्ली में अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र पर असंवैधानिक,दंडनीय और प्रतिबंधित जाति शब्द लिखे जाने को पार्लियामेंट्री कमेटी ने गंभीरता से लिया है।इस मामले पर जानकारी देते हुए बरवाला पंचायत 360 के संस्थापक एन.पी.पी.एस. रामकिशन पूनिया ने बताया कि पंचायत की ओर से एक अपील पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने की गई थी।
दिल्ली में अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र पर आज भी क्यों लिखे जाते हैं प्रतिबंधित शब्द
जिसमें बताया गया कि आज भी दिल्ली में अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र पर प्रतिबंधित जाति शब्द लिखा जाता है। जबकि इन लोगों की मूल जाति का नाम जुलाहा/ कबीरपंथी जुलाहा है।
दिल्ली में इनकी संख्या लाखों में है और दिल्ली के लगभग प्रत्येक गांव में निवास करते है. इसके विरोध में पिछले दिनों बरवाला पंचायत 360 की ओर से 100 दिन तक अनशन भी किया गया था कि उनके जाति प्रमाण पत्रों पर उनकी मूल जाति का नाम लिखा जाए।
28 जुलाई तक चीफ सेक्रेटरी से मांगा जवाब
लेकिन दिल्ली सरकार इस मामले को केंद्र सरकार पर थोप देती है। अब पार्लियामेंट्री कमेटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को उनके नाम से नोटिस जारी करके 28 जुलाई तक हर हालत में जवाब भेजने को कहा है।
जाति प्रमाण पत्रों पर उनकी मूल जाति नहीं लिखी गई तो दिल्ली में करेंगे आंदोलन
पार्लियामेंट्री कमेटी के इस नोटिस से दिल्ली सरकार में हड़कंप सा मच गया है। पंचायत ने चेतावनी दी है कि अगर उनके जाति प्रमाण पत्रों पर उनकी मूल जाति नहीं लिखी गई तो दिल्ली में विशाल स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है। गौरतलब है कि उपरोक्त मामले में पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने पंचायत की ओर से यह याचिका पंचायत के चेयरमैन कप्तान सिंह रंगा के नाम से दायर की गई थी।