लोकसभा की कार्यवाही
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद लगभग आठ मिनट में फिर से दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसदों ने संभल हिंसा और अदाणी समूह से जुड़े मामलों पर बहस की मांग की। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य सदन में नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस ने अदाणी समूह के मुद्दे को उठाया, जबकि सपा सांसदों ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बार-बार विपक्षी सांसदों से अपील की कि वे अपने स्थान पर बैठें और सदन की कार्यवाही चलने दें, लेकिन नारेबाजी जारी रही। इस बीच, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके बाद, तटीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला विधेयक पेश किया गया, हालांकि विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, संभल और मणिपुर हिंसा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग की, लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सभापति जगदीप धनखड़ ने हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही स्थगित कर दी।
विपक्ष का आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार चर्चा से बच रही है, जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि सदन में चर्चा की जानी चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र का हिस्सा है।