प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुयाना पहुंचे, जहां वे 56 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा किए गए पहले दौरे पर गए हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा पर उन्हें जॉर्जटाउन हवाई अड्डे पर गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफ़ान अली और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने गले मिलकर एक-दूसरे का अभिवादन किया, और प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।
यह यात्रा भारत और गुयाना के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रतीक है। गुयाना के राष्ट्रपति इरफ़ान अली ने पीएम मोदी को अपने देश आमंत्रित किया था। इस यात्रा को विदेश मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम माना है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से, भारत और गुयाना ने स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा, और रक्षा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारी विकसित की है।
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान गुयाना की संसद की विशेष बैठक को संबोधित करेंगे और दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में वे अन्य कैरेबियाई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, उनकी यात्रा के दौरान भारत और गुयाना के बीच चल रहे प्रमुख परियोजनाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा, जैसे स्वदेशी सौर परियोजनाएं, एयरलाइन सहयोग और चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग।
भारत और गुयाना के बीच कई अहम सहयोग कार्यक्रम चल रहे हैं, जैसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा निर्मित समुद्री नौका की डिलीवरी, दो HAL 228 विमानों की डिलीवरी और 30,000 परिवारों के लिए सौर ऊर्जा की व्यवस्था। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने गुयाना के 800 पेशेवरों को ITEC कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया है।
गुयाना, जो अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, हाइड्रोकार्बन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इन अवसरों का लाभ उठाने और दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।