प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालिंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भारत के पैरालिंपिक एथलीटों से अपने आवास पर मुलाकात की। भारतीय दल ने इस बार 29 पदक जीते, जो देश के इतिहास में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। यह टोक्यो पैरालिंपिक के 19 पदकों से 10 ज्यादा है। भारत ने इस ऐतिहासिक अभियान में 7 स्वर्ण, 9 रजत, और 13 कांस्य पदक जीते। दल 10 सितंबर को वापस लौटा और सबसे पहले पीएम मोदी से मिला, जिसके बाद नई दिल्ली में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
पीएम मोदी ने एथलीटों से पेरिस पैरालिंपिक के अनुभव साझा करने को कहा। इस मौके पर निषाद कुमार, सुमित अंतिल, कपिल परमार, योगेश कथुनिया और सिमरन शर्मा सहित कई खिलाड़ियों ने अपने अनुभव साझा किए।
सुमित अंतिल , जिन्होंने भाला फेंक में 70.11 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, ने अपनी जीत को प्रधानमंत्री को समर्पित किया। अंतिल ने कहा, “यह मेरा लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। मुझे याद है, टोक्यो में स्वर्ण जीतने के बाद आपने मुझसे कहा था कि ‘मुझे आपसे दो स्वर्ण चाहिए’। इसलिए, यह दूसरा पदक आपके लिए है। पैरालिंपिक से पहले ‘स्वर्ण पदक बरकरार रखने’ की खबरों से मैं थोड़ा दबाव में था, लेकिन जब 20 अगस्त को मैंने आपसे बात की, तो मुझे टोक्यो का वह पल याद आया और मैंने खुद से कहा कि मुझे इसे फिर से करना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरी पूरी टीम, कोच और फिजियो आपके आभारी हैं क्योंकि हमें लगता है कि पदक जीतने के बाद हमें आपसे मिलने का अवसर मिलेगा। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।”
इस मुलाकात में अवनी लेखरा, शीतल देवी, प्रीति पाल, राकेश कुमार, हरविंदर सिंह, नवदीप और उनकी पूरी टीम – कोच, फिजियो और मेंटल कंडीशनिंग कोच – भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने इन एथलीटों के साथ कई अनसुनी कहानियों और पर्दे के पीछे की मेहनत के बारे में बातचीत की। इस दौरान हंसी-मजाक और भावनात्मक पलों ने पूरे माहौल को हल्का कर दिया।
पीएम मोदी ने नवदीप का परिचय देते हुए कहा कि शीतल देवी के अलावा नवदीप की सेलिब्रेशन रीलें भी काफी लोकप्रिय हो गई हैं। नवदीप ने कहा, “मेरा इवेंट आखिरी दिन था, और जब 21 अगस्त को पेरिस पहुंचा, तो जैसे ही अन्य खिलाड़ियों के पदक आने लगे, मुझे थोड़ा दबाव महसूस हुआ कि बाकी सब जीत रहे हैं, मेरा क्या होगा। लेकिन सुमित, संदीप, अजीत और देवेंद्र सर जैसे वरिष्ठ एथलीटों से बात करने के बाद मुझे समझ आया कि मुझे शांत कैसे रहना है। इसलिए, जब मेरा इवेंट हुआ, तो मैं पूरी तरह से मुक्त मन से खेलने गया।”
प्रधानमंत्री मोदी की पैरालिंपिक एथलीटों से यह मुलाकात भारतीय खेल जगत के लिए एक प्रेरणादायक क्षण रही। इन एथलीटों की कहानियां और अनुभव नए खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे।