बांग्लादेश में चल रही अराजकता और हिंसा के बीच, भारत ने बांग्लादेश में रह रहे डेढ़ करोड़ हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर एक स्पष्ट संदेश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद अपने पहले बयान में हिंदुओं पर हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया। इस समय बांग्लादेश में कट्टरपंथी हिंसा का शिकार हो रहे हिंदू भारत में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे भारत-बांग्लादेश सीमा पर हलचल बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद स्पष्ट रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएं देते हुए, भारत ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश जल्द ही सामान्य स्थिति में लौटेगा। उन्होंने कहा, “हम हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति की वापसी की आशा करते हैं। भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
हिंसा के बीच, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त की रात बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद यूनुस को देश की बागडोर संभालनी पड़ी। यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई, जो प्रधानमंत्री के समकक्ष पद है। उनके सामने देश में शांति बहाल करने और चुनाव कराने की चुनौती है।
यूनुस ने कहा कि यदि लोग मुझ पर विश्वास करते हैं, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि देश भर में किसी पर भी हमला न हो। यह उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को साजिश करार दिया और कहा कि अगर वे ऐसा नहीं कर सके और लोग उनकी बात नहीं सुनते हैं, तो उनकी कोई आवश्यकता नहीं है।