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दिल्ली को PM Modi की सौगात, बोले- आज भारत स्थिरता का प्रतीक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली के स्वाभिमान अपार्टमेंट, अशोक विहार में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों को फ्लैटों की चाबियां सौंपी और दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर, द्वारका में पश्चिमी परिसर और नजफगढ़ के रोशनपुरा में अत्याधुनिक वीर सावरकर कॉलेज भवन शामिल हैं।

भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज भारत राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बन गया है। 2025 में भारत की यह भूमिका और भी मजबूत होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष भारत की स्थिति दुनिया में और भी मजबूत होगी और यह वर्ष भारत को दुनिया के सबसे बड़े विनिर्माण केंद्रों में से एक बनाने का होगा।

भारतीय समाज के लिए समर्पित मिशन

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, “आज पूरा देश विकसित भारत के निर्माण में एकजुट है। हमारा संकल्प यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक के पास पक्का घर हो और हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने दिल्ली को इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला बताया और भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा मलिन बस्तियों को स्थायी आवास से बदलने की पहल का उल्लेख किया।

शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-II क्वार्टर की दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन नवनिर्मित फ्लैटों के उद्घाटन से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा दूसरी सफल इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना का समापन हुआ।

योजना का उद्देश्य और लाभ

इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में झुग्गी बस्तियों के निवासियों को बेहतर और स्वस्थ रहने का वातावरण प्रदान करना है। केंद्र सरकार द्वारा एक फ्लैट के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं, जबकि पात्र लाभार्थियों को इस राशि का मात्र सात प्रतिशत, यानी 1.42 लाख रुपये और पांच साल के रखरखाव के लिए 30,000 रुपये का मामूली योगदान करना होता है।

भविष्य की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह वर्ष भारत के अंतरराष्ट्रीय छवि को सशक्त करने का वर्ष होगा, साथ ही यह कृषि क्षेत्र, स्टार्टअप्स, एंटरप्रेन्योरशिप और महिलाओं के नेतृत्व में विकास को नई ऊंचाई देने का वर्ष भी होगा।

प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण और उद्घाटन समारोह ने दिल्ली के विकास को नई दिशा दी और देश की समृद्धि और स्थिरता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

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