कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस नृशंस घटना के खिलाफ विशेष रूप से डॉक्टर और मेडिकल समुदाय के सदस्य लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश है। पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से इन मामलों को गंभीरता से लेने की अपील की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा – देश में इसके खिलाफ आक्रोश है, जिसे मैं महसूस कर सकता हूं।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच और दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। इन जघन्य कृत्यों को अंजाम देने वालों को कठोर सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में विश्वास पैदा हो सके।”
पीएम मोदी ने बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों के खिलाफ कठोर सजा को लेकर भी व्यापक चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जब बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, तो इस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसे अपराधियों को सजा मिलती है, तो यह खबरों में नहीं आता। इसे समाज के सामने प्रमुखता से रखा जाना चाहिए ताकि अपराधियों के मन में डर पैदा हो सके।”
प्रधानमंत्री ने इसे “समय की मांग” बताते हुए कहा कि दोषियों को सजा दिए जाने पर “व्यापक चर्चा” की आवश्यकता है ताकि अपराधी समझ सकें कि उनके कृत्यों के लिए उन्हें कठोर सजा मिल सकती है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत महत्वपूर्ण है।”