टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को खराब फिटनेस और अभ्यास सत्रों में अनियमित उपस्थिति के चलते मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर कर दिया गया है। उन्हें एक भविष्य के सितारे के रूप में देखा गया था, लेकिन हालिया घटनाक्रमों ने उनकी मानसिकता और कार्य नैतिकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कभी सचिन तेंदुलकर के संभावित उत्तराधिकारी माने जाने वाले पृथ्वी शॉ ने कई विवादों और असफलताओं का सामना किया है। इन मुद्दों ने उनके क्रिकेट करियर को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। प्रतिबंधित पदार्थ लेने के लिए सजा मिलने से लेकर छेड़छाड़ के आरोपों तक, पृथ्वी शॉ का ऑफ-फील्ड प्रदर्शन उनकी क्रिकेटिंग उपलब्धियों पर भारी पड़ रहा है।
जुलाई 2019 में, पृथ्वी शॉ को प्रतिबंधित पदार्थ टेरबुटालाइन के लिए सकारात्मक पाए जाने के बाद आठ महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने केवल एक कफ सिरप का सेवन किया था, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उनकी दलील को स्वीकार नहीं किया और उन पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस प्रकार, पृथ्वी शॉ का करियर विवादों और विफलताओं के कारण एक संकट में है, जो उनके उज्ज्वल भविष्य को प्रभावित कर रहा है।