केरल की वायनाड संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव में बाहरी और स्थानीय उम्मीदवार के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जोकि दिल्ली में पली-बढ़ी हैं, अपनी संसदीय पारी की शुरुआत के लिए वायनाड से चुनाव लड़ रही हैं। यह सीट उनके भाई राहुल गांधी ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में जीती थी।
राहुल गांधी ने 2024 के चुनाव में वायनाड के अलावा उत्तर प्रदेश के रायबरेली से भी जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने वायनाड से इस्तीफा देते हुए अपनी बहन प्रियंका को यहां से उम्मीदवार बताया। प्रियंका ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सक्रिय राजनीति में कदम रखा था, लेकिन उत्तर प्रदेश में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा।
भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास एक स्थानीय नेता हैं, जो कोझिकोड में एक दशक तक पार्षद के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। वायनाड में त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है, जहां वाममोर्चा ने सत्यन मोकेरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
प्रियंका गांधी ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले कालपेट्टा में रोड शो किया, जिसमें हजारों लोग जुटे। रोड शो के दौरान प्रियंका के साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस तथा आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नव्या हरिदास ने कहा कि प्रियंका गांधी के पास एक जनप्रतिनिधि के रूप में अनुभव की कमी है। उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव को जोर देकर बताया कि वह कोझिकोड नगर निगम में लगातार दो बार पार्षद रह चुकी हैं और 2021 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा है।
हरिदास का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास का एजेंडा वायनाड में भाजपा के पक्ष में काम करेगा।
2019 में राहुल गांधी ने वायनाड में 3,60,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 2024 में भाजपा ने वायनाड में अपनी वोट हिस्सेदारी 5.75 प्रतिशत बढ़ाई है।
वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें मनंथावाडी, सुल्तान बाथरी, कलपेट्टा, तिरुवम्बाडी, मलप्पुरम जिले के एरानाड, नीलांबुर और वंडूर शामिल हैं।
वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी और नव्या हरिदास के बीच की टक्कर न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह स्थानीय राजनीति और भाजपा-कांग्रेस के बीच के संघर्ष का भी प्रतीक है।