EVM विवाद: विपक्ष का सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला
महाराष्ट्र चुनावों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर छिड़े विवाद ने जोर पकड़ लिया है। विपक्षी दलों ने EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी शुरू कर दी है।
चुनाव आयोग का दावा: “EVM हैक नहीं हो सकता”
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण कुलकर्णी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि EVM को हैक करना संभव नहीं है। इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि EVM में हेरफेर की गई, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए।
शिवसेना (UBT) और कांग्रेस के आरोप
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
क्या चुनाव आयोग ने कभी सच बोला है? उम्मीदवारों और पार्टियों की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।”
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि EVM पर लोगों का भरोसा खत्म हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं कर रहा, जिसके चलते कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
“दुनिया ने EVM को खारिज किया”: कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने EVM को अविश्वसनीय बताते हुए कहा:
“EVM का इस्तेमाल भारत के अलावा कहीं नहीं हो रहा है। अगर पूरी दुनिया इसे खारिज कर चुकी है, तो हम क्यों नहीं कर सकते? सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय की उम्मीद है।”
विपक्ष की रणनीति: INDI गठबंधन की बैठक
EVM के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला INDI गठबंधन की बैठक में लिया गया। यह बैठक एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार और आप नेता अरविंद केजरीवाल के बीच मंगलवार (10 नवंबर) को हुई। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव में विपक्ष को हुए भारी नुकसान के बाद यह कदम उठाने की जरूरत महसूस की गई।
दिल्ली चुनाव पर फोकस
महाराष्ट्र चुनाव के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्ष सतर्क हो गया है। INDI गठबंधन ने EVM को लेकर अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि यदि EVM पर सवाल स्पष्ट नहीं किए गए, तो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता खतरे में पड़ सकती है। EVM पर विवाद ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर विपक्ष की याचिका चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।