कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में 2020 सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। यह पीड़िता 14 सितंबर 2020 को बलात्कार का शिकार हुई थी और 29 सितंबर को दिल्ली में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पीड़िता के परिवार का आरोप था कि पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार के लिए मजबूर किया था, हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इंकार किया था।
राहुल गांधी का पहले भी था दौरा
राहुल गांधी ने 2020 में भी पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी और योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पीड़ित परिवार के साथ शोषण और अत्याचार किया।
भाजपा का आरोप: हताशा का शिकार राहुल गांधी
राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राहुल गांधी लोगों को भड़काने के लिए यह कदम उठा रहे हैं और उन्हें ‘हताशा का शिकार’ बताया। पाठक ने कहा, “राहुल गांधी जी, आपको यह भी नहीं पता कि हाथरस मामले की जांच सीबीआई ने की है और मामला कोर्ट में है। उत्तर प्रदेश आज बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ता राज्य
पाठक ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। राज्य औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है, जबकि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं।”
बीजेपी नेताओं की आलोचना
बीजेपी नेता बलदेव सिंह औलख ने भी राहुल गांधी के दौरे पर टिप्पणी की, कहा कि हाथरस मामले की सीबीआई ने जांच की और अब इसे भड़काने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “जब तक योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, राहुल गांधी के दौरे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”
यह विवाद राज्य में चुनावों और राजनीतिक बयानबाजी के बीच बढ़ता जा रहा है, जबकि विपक्ष और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।