डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल दी गई है। इस बार वह 2017 के बाद पहली बार सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय जाएंगे। रोहतक की सोनारिया जेल से रिहा होने के बाद, कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम सिरसा पहुंचे।
2017 के बाद पहली बार डेरा पहुंचे
गुरमीत राम रहीम, जो बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 20 साल की सजा काट रहे हैं, ने सिरसा पहुंचने के बाद अपने अनुयायियों को वीडियो संदेश जारी कर वहां न आने की अपील की। इससे पहले, वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित डेरा आश्रम में पैरोल के दौरान रुके थे।
पैरोल और चुनावी समय का संयोग
गुरमीत राम रहीम की पैरोल का समय अक्सर चुनावों से मेल खाता रहा है।
बरोदा उपचुनाव 2020: 20 अक्तूबर 2020 को एक दिन की पैरोल, चुनाव नवंबर 2020 में।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022: फरवरी 2022 में 21 दिन की पैरोल।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: 25 नवंबर 2023 को 21 दिन की पैरोल।
लोकसभा चुनाव 2024: 19 जनवरी 2024 को 50 दिन की पैरोल।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: अगस्त और अक्टूबर 2024 में क्रमशः 21 और 20 दिन की पैरोल।
सिख संगठनों की आलोचना
गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर एसजीपीसी और अन्य सिख संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कदम चुनावी लाभ के लिए उठाया जा रहा है।
राजनीतिक सवाल
राम रहीम की पैरोल और फर्लो का समय चुनावी गहमागहमी के दौरान सवाल खड़े करता है। क्या यह सिर्फ संयोग है या कोई सोची-समझी रणनीति? यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
गुरमीत राम रहीम को बार-बार मिलने वाली पैरोल न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बनी हुई है। आगामी चुनावों के दौरान इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।