नई दिल्ली की नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विवादित ‘शीश महल’ बंगले में शिफ्ट होने की अफवाहों को खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बंगला अब मुख्यमंत्री आवास नहीं रहेगा, बल्कि इसे संग्रहालय में बदला जाएगा।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में इस बंगले के जीर्णोद्धार पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे, जिसके कारण यह एक बड़े राजनीतिक घोटाले का केंद्र बन गया था।
शपथ ग्रहण समारोह और भाजपा की वापसी
रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य गुरुवार दोपहर रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेंगे।
इस शपथ ग्रहण के साथ ही 26 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी।
गुप्ता को बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया, जिसके बाद उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने उन्हें सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया।
नए मंत्रिमंडल में ये चेहरे होंगे शामिल
सरकार की नई टीम में 6 प्रमुख नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी:
प्रवेश वर्मा (नई दिल्ली से केजरीवाल को हराने वाले नेता)
आशीष सूद
पंकज सिंह
मनजिंदर सिंह सिरसा
कपिल मिश्रा
रविंदर इंद्राज
पहली कैबिनेट बैठक और कल्याणकारी योजनाएं
नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक दिल्ली सचिवालय में दोपहर 3 बजे होगी।
सूत्रों के अनुसार, महिला समृद्धि योजना और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कवर जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाएगी।
भाजपा ने AAP का 10 साल का शासन खत्म किया
5 फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
1998 के बाद पहली बार भाजपा को दिल्ली में सत्ता मिली है।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर
रेखा गुप्ता आरएसएस से जुड़ी रही हैं और भाजपा में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं।
DUSU अध्यक्ष के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
नगर निगम पार्षद बनीं और फिर विधायक बनीं।
वे दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी (सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद)।
भाजपा के चौथे मुख्यमंत्री होंगी (मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद)।
उन्होंने शालीमार बाग सीट से AAP की बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक वोटों से हराया।
नतीजा
रेखा गुप्ता का ‘शीश महल’ को संग्रहालय में बदलने का निर्णय भ्रष्टाचार विरोधी एक मजबूत संदेश देता है।
उनका राजनीतिक सफर और भाजपा की ऐतिहासिक वापसी दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय लिखने जा रही है।