दिल्ली और एनसीआर में सर्दियों का मौसम नजदीक है, और तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली में 94 दिनों के बाद प्रदूषण की स्थिति “बेहद खराब” स्तर पर पहुंच गई, जहां औसत वायु गुणवत्ता (AQI) 310 के स्तर पर दर्ज की गई।
इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। जब AQI स्तर 300 से अधिक होता है, तब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से सीएक्यूएम ग्रैप पाबंदियों का आदेश जारी किया जाता है। 22 अक्टूबर की सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत AQI 317 दर्ज किया गया था।
आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ने की आशंका है। अनुमान लगाया गया है कि 22 और 23 अक्टूबर को AQI 400 के पार जा सकता है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण फसल जलाना, धीमी हवा की गति, और उच्च आद्रता है।
ग्रैप-2 की पाबंदियों के अंतर्गत निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
डीजल जनरेटर पर रोक: डीजल द्वारा चलने वाले जनरेटर के उपयोग पर रोक लगाई गई है।
पार्किंग फीस बढ़ाई गई: प्राइवेट गाड़ियों के उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाई गई है।
सड़क सफाई:सड़कों पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव किया जाएगा।
बस सेवाएं बढ़ाई जाएंगी: मेट्रो, सीएनजी, और इलेक्ट्रिक बसों की सर्विस बढ़ाई जाएगी।
आरडब्ल्यूए के निर्देश: आरडब्ल्यूए को निर्देश दिए गए हैं कि सुरक्षा गार्ड को हीटर प्रदान किया जाए ताकि वे कूड़ा या लकड़ी ना जलाएं।
स्वच्छ ईंधन का उपयोग: बायो गैस, प्राकृतिक गैस, और LPG द्वारा चलित जनरेटर ही चलाए जाएंगे।
इन पाबंदियों के जरिए दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित हवा मिल सके।