पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबरें तेजी से फैल रही हैं, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जाखड़ ने 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनावों से पहले कथित तौर पर इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उनके निजी सहायक संजीव त्रिका ने इन खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि जाखड़ हाल ही में व्यस्त और कम सक्रिय रहे हैं।
भाजपा आलाकमान के सूत्रों ने यह पुष्टि की है कि सुनील जाखड़ ने राज्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में काम करने की अनिच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि वह राज्य में स्वतंत्र रूप से काम करने में असमर्थ हैं। जाखड़ ने लोकसभा चुनावों के बाद राज्य की राजनीति से खुद को थोड़ा अलग कर लिया था और उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 3 सितंबर को हुई थी, जब वह चंडीगढ़ में भाजपा की राज्य बैठक में शामिल हुए थे।
भाजपा ने सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जाखड़ का इस्तीफा देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि जाखड़ पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और इस्तीफे की खबरें केवल अफवाह हैं। पार्टी ने जाखड़ से दिसंबर में संभावित चुनाव तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है।
पंजाब में 15 अक्टूबर को 13,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। राज्य चुनाव आयोग ने 27 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे और 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि होगी। चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है।
सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबरें भले ही फैल रही हैं, लेकिन पार्टी ने इन अफवाहों का खंडन कर दिया है। अब सभी की निगाहें 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनावों और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर टिकी हैं।