रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार से रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। यह दौरा खासकर एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की लंबित डिलीवरी को लेकर हो रहा है, जिसके लिए भारत ने रूस से तेजी से डिलीवरी की अपील की है।
भारत-रूस सैन्य सहयोग पर बैठक
राजनाथ सिंह 10 दिसंबर को मास्को में रूसी रक्षा मंत्री एंड्री बेलौसोव के साथ भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-MTC) की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। बैठक में चल रही रक्षा परियोजनाओं की समीक्षा के अलावा, एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की शेष दो इकाइयों की डिलीवरी पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत ने 2018 में रूस से 5.43 बिलियन डॉलर में एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद का समझौता किया था।
आईएनएस तुशिल की कमीशनिंग
राजनाथ सिंह की यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव 9 दिसंबर को कलिनिनग्राद स्थित यंत्र शिपयार्ड में भारतीय नौसेना के नवीनतम मल्टीरोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तुशिल की कमीशनिंग होगी। यह कदम भारत-रूस नौसैनिक सहयोग को और मजबूत करेगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी इस समारोह में राजनाथ सिंह के साथ उपस्थित होंगे।
रक्षा मंत्री की अन्य गतिविधियाँ
यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री रूस में ‘अज्ञात सैनिक के मकबरे’ पर सोवियत सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे और वहां के भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे।