आध्यात्मिक नेता सद्गुरु ने अडानी मुद्दे पर संसद में चल रहे विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए आग्रह किया कि भारतीय व्यवसायों और धन सृजनकर्ताओं को राजनीतिक विवादों में घसीटा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे विवादों का समाधान कानून के ढांचे में ही किया जाना चाहिए, न कि उन्हें राजनीति का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
सद्गुरु ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारतीय संसद में इस तरह का व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारतीय व्यवसायों को राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। यदि कोई विसंगति है, तो उसे कानून के तहत सुलझाया जा सकता है, लेकिन इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए।”
भारत के व्यवसायों का समृद्धि की ओर बढ़ना जरूरी
सद्गुरु ने यह भी कहा कि भारतीय व्यवसायों का समृद्धि की ओर बढ़ना देश के विकास और भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इसके माध्यम से भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का आह्वान किया।
अडानी मामले पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
सद्गुरु के इस बयान के बीच, कांग्रेस सांसदों ने संसद में अडानी ग्रीन के निदेशकों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आरोप लगाए जाने पर चर्चा की मांग की। विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर के अंदर तख्तियां पकड़ी थीं, जिन पर लिखा था “देश बिकने नहीं देंगे” और उन्होंने अडानी मामले की संयुक्त संसदीय जांच की मांग की।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के नेतृत्व में कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों और अन्य सांसदों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और संसद भवन के मकर द्वार और संविधान सदन के सामने एकत्र हुए।