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“समोसा कॉकस अब सदन का स्वाद है… पीएम मोदी के बयान को साबित करने वाले ‘भारतीय'”

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जून 2023 में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य कांग्रेस को संबोधित करते हुए एक दिलचस्प टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “समोसा कॉकस अब सदन का स्वाद है,” और यह भी उम्मीद जताई थी कि यह भारतीय व्यंजनों की विविधता को अमेरिकी संसद में लाएगा। यह बयान उस समय और भी महत्वपूर्ण बन गया जब अमेरिकी चुनावों में भारतीय मूल के छह सांसदों ने जीत हासिल की।

हाल ही में हुए अमेरिकी चुनावों में, भारतीय मूल के कुछ सांसदों ने उल्लेखनीय जीत हासिल की। इनमें से कुछ सांसदों ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर अपनी जीत दर्ज की। अमेरिका में बसे भारतीयों ने ढोल की धुन पर नाचकर अपनी खुशी का इजहार किया, यह दिखाते हुए कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रभाव अमेरिका में भी गहरा है।

‘समोसा कॉकस’ शब्द 2018 में इलिनोइस से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति द्वारा गढ़ा गया था। इस शब्द का उपयोग भारतीय मूल के सांसदों के एक समूह के लिए किया जाता है जो अमेरिकी संसद में सक्रिय रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। समोसा, जो भारतीय भोजन है और दुनियाभर में मशहूर है, इसे भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।

समोसा कॉकस में छह प्रमुख भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद शामिल हैं, जिनमें:
सुहास सुब्रमण्यम  (वर्जीनिया के 10वें जिले से) – रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक क्लेंसी को हराया।
डॉ. अमी बेरा (कैलिफोर्निया के 6वें जिले से) – लगातार सातवें कार्यकाल के लिए चुने गए।
राजा कृष्णमूर्ति (इलिनोइस के आठवें जिले से) – समोसा कॉकस शब्द के जनक, उन्होंने मार्क राइस को हराया।
रो खन्ना (कैलिफोर्निया के 17वें जिले से) – रिपब्लिकन अनीता सेन को हराया।
प्रमिला जयपाल (वाशिंगटन के सातवें जिले से) – रिपब्लिकन डैन एलेक्जेंडर को हराया।
श्री थानेदार (मिशिगन के 13वें जिले से) – अपनी सीट पर जीत दर्ज की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति   कमला हैरिस का जिक्र करते हुए कहा था, “मेरे पीछे एक है, जिसने इतिहास रच दिया है,” और कहा कि समोसा कॉकस अब अमेरिकी सदन का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों को उनके योगदान के लिए सराहा और कहा कि भारत के लोग आज भी अमेरिकी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान न केवल भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं अब वैश्विक मंचों पर भी सम्मानित हो रही हैं। ‘समोसा कॉकस’ जैसे शब्दों के माध्यम से भारतीय समुदाय का योगदान अमेरिकी राजनीति में लगातार बढ़ता जा रहा है।

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