महिला सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं आयोजित की जा रही हैं, जो विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं को समृद्धि और स्वावलंबन की संभावना प्रदान करने का उद्देश्य रखती हैं। ये योजनाएं महिलाओं को नौकरी प्राप्त करने, उद्यमिता करने, और स्वतंत्र रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। यहां कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो महिला सहभागिता को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही हैं:
- मुद्रा योजना:
- लक्ष्य: महिलाओं को छोटे उद्यमों की स्थापना करने के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करना।
- लाभ: यह योजना महिलाओं को कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जिससे वे नए व्यापार शुरू कर सकती हैं और स्वतंत्र रूप से काम कर सकती हैं।
- स्त्री शक्ति योजना:
- लक्ष्य: ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना।
- लाभ: इसके अंतर्गत, महिलाओं को कृषि, बागवानी, हाथकला, खाद्य प्रसंस्करण, और अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से काम कर सकें।
- सुमन योजना:
- लक्ष्य: समृद्धि क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ते हुए अवसरों और समर्थन की प्रदान करना।
- लाभ: इसके तहत, महिलाओं को उद्यमिता की ऊर्जा और वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाता है, ताकि वे नए व्यापार शुरू कर सकें और अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ:
- लक्ष्य: महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रदान करना।
- लाभ: इस योजना के तहत, महिलाएं अधिक शिक्षित होती हैं और उन्हें अधिक समर्थन मिलता है ताकि वे अपने शैली में सहभागी हो सकें और विभिन्न व्यवसायों में काम कर सकें।
- महिला एंट्रीप्रेन्योरशिप योजना:
- लक्ष्य: महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और उन्हें स्वतंत्र रूप से व्यापार शुरू करने के लिए उत्साहित करना।
- लाभ: इस योजना के तहत, महिलाओं को वित्तीय समर्थन, प्रशिक्षण, और मेंटरिंग प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने व्यापार में सफल हो सकें।
ये कुछ उदाहरण हैं जो विभिन्न व्यवसायों में महिला सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित की जा रही हैं।