वैज्ञानिकों ने कर दिखाया संभव, अब हवा से चार्ज होंगे आपके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स
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नेशनल थॉट्स ब्यूरो : आज के इस आधुनिक दौर में जहां मोबाइल फोन, लैपटॉप, ब्लूटूथ ईयरफोन, स्पीकर या अन्य गैजेट्स आपकी जरूरत बन गए है | वहीं इन सभी को चार्ज करना होता है तो आप क्या करते हैं? ज्यादातर आप इसे चार्जर के जरिये बिजली से चार्ज करते होंगे | हो सकता है कुछ लोग कहें कि वे बैटरी वाले चार्जर से या सोलर चार्जर से चार्ज करते हैं या फिर पावर बैंक से आदि | अब विज्ञानिकों ने आपके गैजेट्स को चार्ज करने के लिए एक नया तरीका निकाल लिया है |
आपका मोबाइल, लैपटॉप या अन्य गैजेट्स हवा से चार्ज हो जाएंगे? इसके लिए किसी चार्जर, प्लग, केबल या यूएसबी पोर्ट की जरूरत नहीं होगी? क्या आप सोच सकते हैं कि एक कमरे में पड़े-पड़े इन गैजेट्स की बैटरी अपने आप फुल हो जाएगी? असंभव लग रहा है न! लेकिन इसे संभव करन दिया है जापान के वैज्ञानिकों ने |
हवा से चार्ज हो जाएंगे मोबाइल-लैपटॉप्स एक न्यूज़ मीडिया पब्लिशिंग कंपनी के अनुसार , जापान के वैज्ञानिकों ने एक वायरलेस चार्जिंग रूम तैयार किया है, जिस रूम में हवा से ही गैजेट चार्ज हो जाएंगे | आपको अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन वगैरह को चार्ज करने के लिए चार्जर, प्लग, केबल वगैरह की जरूरत नहीं होगी | जापान की टोक्यो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 10 बाय 10 फीट का वायरलेस चार्जिंग रूम तैयार किया है, जो 50 वाट तक का पावर देता है |
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसकी टेस्टिंग की जा चुकी है | नए वायरलेस रूम के लिए एल्युमिनियम टेस्ट रूम को तैयार किया गया था, जिसमें पावर लैंप, मोबाइल फोन्स वगैरह को कमरे में अलग-अलग जगहों पर रखकर चार्ज किया गया |
इंसानों को कोई खतरा नहीं वैज्ञानिकों का कहना है, यह बिल्कुल नई तरह की तकनीक है जिससे इलेक्ट्रिक फील्ड के बिना ही मैग्नेटिक फील्ड जनरेट की जा सकती है | इलेक्ट्रिक फील्ड जेनरेट होने से भले ही इंसानों को झटके लग सकते हैं, लेकिन इसमें ऐसा नहीं होगा | केवल मैग्नेटिक फील्ड के कारण रूम में मौजूद किसी व्यक्ति या जानवर को नुकसान पहुंचाने का खतरा नहीं होगा | इंसानों को नुकसान पहुंचाए बिना मैग्नेटिक फील्ड की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए यह कमरा 50 वॉट तक की पावर उपलब्ध करा सकता है |
वायरलेस चार्जिंग रूम की कीमत नया वायरलेस चार्जिंग रूम एक तरह से वायरलेस चार्जिंग पैड की तरह काम करेगा | ब्लूटूथ ईयर पॉड में आपने देखा होगा कि चार्ज करने के लिए नीचे एक चार्जिंग पैड की जरूरत होती है, लेकिन इस नई तकनीक में खास बात है कि इसमें चार्जिंग पैड की भी जरूरत नहीं होती | जहां तक लागत की बात है तो वैज्ञानिकों के मुताबिक, अभी यह कहना मुश्किल है कि वायरलेस चार्जिंग रूम को तैयार करने में कितनी लागत आएगी | कारण कि अभी यह तकनीक शुरुआती स्टेज में है और कई बदलावों से होकर गुजर रही है |
कब तक कर पाएंगे इस नए सिस्टम का इस्तेमाल? वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह तकनीक शुरुआती स्टेज में है और बहुत काम होना अभी बाकी है | ऐसे में आम आदमी तक इस तकनीक की पहुंच होने में अभी कुछ साल लगेंगे | शोधकर्ताओं का कहना है कि रिसर्च के अगले पड़ाव में इसे और सुरक्षित बनाने की कोशिश की जाएगी |
वायरलेस चार्जिंग की नई तकनीक से हो सकता है नुकसान वायरलेस चार्जिंग तकनीक को लेकर एक विवाद भी है | एक स्टडी के मुताबिक, वायरलेस चार्जिंग में मैग्नेट और कॉयल का प्रयोग किया जाता है | एप्पल की कुछ डिवाइस में इसका प्रयोग भी हुआ है | कहा जाता है कि यह हार्ट के मरीजों में लगाए गए पेसमेकर और दूसरी डिवाइस को स्विच ऑफ कर सकता है, जिससे मरीज की जान पर बन आने की संभावना रहेगी |हालांकि इस रिसर्च से जुड़े शोधकर्ता एलेनसन सैम्पल के मुताबिक, नई तकनीक के साथ ऐसा होने का खतरा न के बराबर है. चूंकि वायरलेस चार्जिंग रूम में मैग्नेट का इस्तेमाल स्थाई तौर पर नहीं किया जा रहा, इसलिए इंसान की सेहत पर खतरा नहीं है | एलेनसन के मुताबिक, इस तकनीक में लो-फ्रीक्वेंसी वाली मैग्नेटिक फील्ड तैयार की जाएगी, जिससे डिवाइस में पावर ट्रांसफर किया जा सकेगा |