भारतीय बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन करते हुए नए निवेश उत्पाद पेश किए हैं। इनका उद्देश्य उच्च जोखिम लेने में सक्षम निवेशकों को अधिक विकल्प देना और बाजार में विविधता लाना है। इसमें विशेषीकृत निवेश कोष (SIF) और म्यूचुअल फंड लाइट जैसी योजनाएं शामिल हैं।
विशेषीकृत निवेश कोष (SIF) की खासियतें
उन्नत निवेश रणनीतियां: SIF को आधुनिक रणनीतियों को अपनाने की अनुमति दी गई है।
स्कीम प्रकार: यह ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड योजनाओं में उपलब्ध होगी।
न्यूनतम निवेश: प्रत्येक निवेशक को कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
सुरक्षा और पारदर्शिता: निवेशकों की सुरक्षा और स्पष्ट ब्रांडिंग पर जोर दिया गया है।
म्यूचुअल फंड लाइट की विशेषताएं
सरल प्रवेश: नई इकाइयों को प्रोत्साहित करने और अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाने का प्रयास।
विविधता और नवाचार: बाजार में नकदी बढ़ाने और निवेश विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे पेश किया गया है।
नेटवर्थ की आवश्यकता: AMC के लिए न्यूनतम 35 करोड़ रुपये की नेटवर्थ अनिवार्य, जिसे 5 वर्षों तक मुनाफा दर्ज करने के बाद 25 करोड़ रुपये तक घटाया जा सकता है।
वित्तीय जोखिम को कम करने की पहल
सेबी ने बताया कि ये कदम अनधिकृत निवेश योजनाओं को रोकने और म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के बीच अंतर को पाटने के लिए उठाए गए हैं। यह योजनाएं अव्यावहारिक रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हैं, जिससे निवेशकों को वित्तीय जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
नई योजनाओं का उद्देश्य
निवेशकों के लिए अधिक विकल्प और सुरक्षा।
म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश सेवाओं के बीच स्पष्ट अंतर।
वित्तीय बाजार में नवाचार और विविधीकरण को प्रोत्साहन।
सेबी के इस कदम से म्यूचुअल फंड उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है। निवेशकों को अब अधिक पारदर्शी और सुरक्षित विकल्प मिल सकेंगे।