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सम्भल में सुरक्षा कड़ी, सपा नेताओं को जाने की इजाजत नहीं, लौटने पर हुए मजबूर

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संभल में सुरक्षा कड़ी, सपा नेताओं को जाने की इजाजत नहीं, विरोध जताया

24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए पथराव की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के संभल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाने की योजना बना रहा था, लेकिन उन्हें पुलिस द्वारा जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

पुलिस ने सपा नेताओं को रोका
सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडे को लखनऊ स्थित उनके आवास के बाहर ही रोक लिया गया। पांडे ने कहा, “डीएम संभल ने मुझे फोन करके बताया कि बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।” इसके बाद पांडे ने कहा कि वे पार्टी कार्यालय जाएंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

सपा सांसदों का विरोध
दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि उन्हें अधिकारी से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। मलिक ने कहा, “प्रोटोकॉल के अनुसार, संसद सदस्य को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव से ऊपर माना जाना चाहिए। फिर भी, हमें एसीपी से बात करने से रोका गया है।”

सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी ने इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें रोका जा रहा है। जब शाही जामा मस्जिद पर सर्वे हो रहा था, तब यूपी पुलिस को संयम रखना चाहिए था। अब हम शांति की अपील करने के लिए जा रहे हैं, तो हमें क्यों रोका जा रहा है?”

विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें पुलिस द्वारा रोका गया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। अगर पुलिस और प्रशासन जनता के खिलाफ खड़ा है, तो विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह उनकी मदद करे।” बर्क ने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस की करतूतों को छिपाने के लिए यह सब कर रही है और लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

इस घटना ने संभल में बढ़ती सुरक्षा और राजनीतिक विरोध की स्थिति को और जटिल बना दिया है।

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