नई दिल्ली – एमएसपी गारंटी कानून और कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों ने सरकार से वार्ता विफल होने के बाद दिल्ली के लिए कूच किया। पंजाब के विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट व राशन लेकर निकले किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया।
सील किए गए पटियाला के शंभू और जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की बीच कई बार टकराव हुआ। पथराव कर रहे और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और रबड़ की गोलियां चलाईं।
जींद में लाठियां बरसाई गईं। दोनों बॉर्डर पर हुए टकराव में लगभग 100 किसान व अंबाला के नारायणगढ़ के डीएसपी आदर्शदीप समेत पुलिस व अर्धसैनिक बलों के 27 जवान घायल हुए हैं। पंजाब-हरियाणा सीमा के 14 में से तीन एंट्री प्वांइट्स पर करीब 20 हजार किसान जमा हैं।
उनको रोकने के लिए हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और पुलिस की 50 कंपनियां तैनात हैं। मंगलवार रात 8 बजे तक पंजाब के किसान कहीं से भी हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए ।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने सीमाओं पर बैरिकेडिंग करने की निंदा की। कहा कि ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं। ऐसा लगता है कि उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमा है।हरियाणा को कश्मीर घाटी में बदल दिया गया है। हम सरकार के साथ किसी भी टकराव में शामिल नहीं होंगे। सरकार हम पर गोलियां चला सकती है या लाठीचार्ज कर सकती है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी हमारे भाई हैं। हमारा मार्च शांतिपूर्ण होगा।
हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता व एआईजी मनीषा चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया। भारी पथराव किया, जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। प्रदर्शन की आड़ में किसी को भी उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे लोगों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने हरियाणा के किसान नेताओं के घर पर दबिश दी और करीब एक दर्जन किसान नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया। बापौली थाना पुलिस मंगलवार सुबह गांव गढ़ी भलौर में किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सूरजभान रावल के घर पहुंची। पुलिस ने उनको घर पर ही नजरबंद कर दिया है। इसके अलावा कई किसान नेता पुलिस की पकड़ से बचने अपने मोबाइल फोन बंद करके भूमिगत हो गए हैं।
प्रदर्शनकारी किसानों के रुख को देखते हुए दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ के बॉर्डर मंगलवार सुबह से ही सील कर दिए गए थे। हरियाणा के पंजाब से जुड़े शंभू, ट्यूकर, चीका, दातासिंह वाला, खनौरी, डबवाली, कालांवाली, रोड़ी, रतिया, जाखल और टोहाना बॉर्डर पर आवाजाही पूरी बंद कर दी गई थी।