केरल के हाई-प्रोफाइल शेरोन राज हत्याकांड में मुख्य आरोपी ग्रीष्मा को नेय्याट्टिनकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई है। ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी शेरोन राज को कीटनाशक मिले आयुर्वेदिक काढ़े से जहर दिया था। मामले में तीसरे आरोपी, ग्रीष्मा के चाचा निर्मलकुमारन नायर को तीन साल के कठोर कारावास की सजा दी गई है।
कोर्ट का बयान
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ग्रीष्मा ने शेरोन को यौन अंतरंगता के बहाने अपने घर बुलाया और उसके विश्वास का गलत फायदा उठाया। यह अपराध एक क्रूर साजिश का हिस्सा था, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कैसे दिया गया जहर?
14 अक्टूबर 2022 को ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर, कन्याकुमारी के रामवर्मनचिराई में बुलाया। वहां उसने उसे पैराक्वाट नामक खतरनाक कीटनाशक मिला आयुर्वेदिक टॉनिक पिलाया। इसके बाद 11 दिनों के भीतर शेरोन की मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण मौत हो गई।
ग्रीष्मा का बचाव और कोर्ट की प्रतिक्रिया
ग्रीष्मा ने कोर्ट में दावा किया कि उसने शेरोन की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर यह कदम उठाया। लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि ग्रीष्मा के दावों का कोई सबूत नहीं है।
शेरोन का विश्वासघात
अदालत ने पाया कि शेरोन ने ग्रीष्मा पर भरोसा किया था और कभी भी उसे दोषी नहीं ठहराया। इसके बावजूद, ग्रीष्मा ने उसे धोखा दिया।
अदालत का अंतिम फैसला
अदालत ने इसे दुर्लभतम मामलों में से एक माना और ग्रीष्मा को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही, राज्य की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि अपराधियों को कड़ी सजा देना न्याय सुनिश्चित करने का कर्तव्य है।
मुख्य बिंदु
शेरोन राज को कीटनाशक मिला टॉनिक पिलाया गया।
ग्रीष्मा को फांसी की सजा सुनाई गई।
अदालत ने इसे एक दुर्लभतम मामला माना।
बचाव पक्ष के दावों को अदालत ने खारिज किया।
ग्रीष्मा के चाचा को तीन साल की सजा दी गई।
यह केस भारतीय न्याय प्रणाली में कठोर सजा और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है।