नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स)- दिल्ली आई बाढ़ के कारण यमुना के निचले हिस्सों में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बाढ़ के कारण जो परेशानियां झेल रहे हैं वह कम नहीं हुई हैं। बाढ़ का खतरा कुछ कम होता नजर आ रहा है लेकिन लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
सरकार अपने स्तर पर इन के लिए तमाम इंतजाम करने में दिन रात लगी है वहीं विपक्षी राजनीतिक दल व सामाजिक संस्थाएं भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सेवाएं दे रहे हैं।
22 हजार बाढ़ पीड़ित लोगों को सरकारी भवनों में भेजा गया
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कहा कि सभी को सुविधा दी जा रही हैं। यदि कहीं कमी है तो उसे ठीक किया जाएगा। DDMA की बैठक के बाद निर्णय लिया गया हैं कि लोगों को भवनों में शिफ्ट किया जाए।
इस बार सावन लंबा हैं। कांवड़ियां लंबे समय तक आएंगे। शौचालय वहां पर व्यस्त हैं। इसी लिए सभी को सरकारी भवन में शिफ्ट किया जा रहा हैं। करीब 22 हजार को शिफ्ट किया गया।
शिविर में रह रहे बाढ़ पीड़ित कर रहे हैं शिकायत
वहीं दूसरी और कई इलाकों में मेट्रो पुलों के नीचे राहत शिविर बनाकर लोगों को वहां शिफ्ट किया गया है। लेकिन बारिश आने पर टेंटों में डेरा डाले बाढ़ पीड़ित शिकायत कर रहे हैं कि शिविर में पर्याप्त इंतजाम नहीं है। अंधेरे में रात गुजारनी पड़ रही है। कहीं-कहीं खाने और पानी की सुविधा भी ठीक से नहीं मिल पा रही।
खाने के लिए लग रही हैं लंबी लाईनें
राहत शिविरों में रह रहे लोगों का कहना है कि खाने के लिए किए गए इंतजाम अभी पर्याप्त नहीं हैं, दिन में केवल एक बार का खाना ही मिल पाता है। इसके लिए भी काफी लंबी लाइन लग जाती है। इस परिस्थिति में बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कई शिविरों में अंधेरे में गुजर रही है रात
दिल्ली सरकार ने टेंट लगा कर अस्थाई शिविर तो बना दिए गए हैं। लेकिन अभी कई शिविर ऐसे भी जहां रात में लाइट नहीं , जिससे महिलाओं और बच्चों को खासी परेशानी हो रहीहै। बुजुर्ग लोगों को भी लाईट न होने से काफी दिक्कतें हो रही हैं।