जम्मू-कश्मीर में एक दशक पहले चलाया गया था सर्प विनाश अभियान, वर्तमान में 2.0
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भारतीय सेना का कश्मीर विजय अभियान
न्यूज डेस्क : वर्तमान में जम्मू के पुंछ की पहाड़ियों में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ चल रहा अभियान 2003 के बाद से इस क्षेत्र में सबसे लंबा रहा है | सेना कितने उग्रवादियों से लड़ रही है और वे कितने समय से पीर के घने जंगलों में छिपे हुए हैं, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है | इसकी तुलना उस समय से भी की जा रही है जब पुंछ उग्रवाद का गढ़ था और सुरक्षा के लिए एक बुरा सपना था |
62 आतंकवादियों को किया था ढेर
2003 में उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए एक लंबा अभियान चलाया गया और स्थानीय लोगों पर जीत हासिल करने में बहुत लंबा समय लगा | करोड़ों पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पुंछ में नियंत्रण रेखा (LOC) के पार घुसपैठ की थी | लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-बद्र और कुछ अन्य समूहों से संबंधित पाकिस्तानी आतंकवादियों ने गांव को अपने किले में बदल दिया था |
2003 में सेना ने शुरू किया था ‘ऑपरेशन सर्प विनाश’
1999 से शुरू होकर पाकिस्तानियों ने इस क्षेत्र में 2003 तक समानांतर प्रशासन चलाया, जब सेना ने उन्हें बाहर निकालने का फैसला किया | अप्रैल और मई 2003 के बीच सेना द्वारा ऑपरेशन सर्प विनाश को अंजाम देने से पहले क्षेत्र में कई मुठभेड़ हुई थीं | हिल्काका को हटाना जम्मू और कश्मीर में तब तक का सबसे बड़ा विद्रोह विरोधी अभियान था |