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Some say 'Mara-Mara' and some say 'Ram-Ram', what difference does it make? CM Bhupesh Baghel spoke on Ramcharitmanas controversy

कोई मरा-मरा कहता है तो कोई राम-राम कहता है, क्या फर्क पड़ता है? रामचरितमानस विवाद पर बोले CM भूपेश बघेल

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नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क (नेशनल थॉटस) : रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान ने हंगामा मचा दिया है।  आए दिन उनके बयान पर राजनीति हो रही है। बीजेपी और तमाम दक्षिणपंथी समूहों ने समाजवादी पार्टी की खूब आलोचना की है। वहीं अब इस पर पूरे विवाद पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया दी है।  उनका कहना है कि इस मुद्दे पर वाद-विवाद करना ही गलत है। हमें रामचरितमानस के मूल तत्व को समझना होगा।
 
दो-चार चौपाई से ग्रंथ को फर्क नहीं पड़ता है :
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बयान में आगे कहा कि चाहे कोई विरोध में भी बात करे तो भी उसी का (राम) नाम है,उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के सकारात्मक पहलू हैं जिन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए। भूपेश बघेल ने कहा, वाद-विवाद करना गलत है,जो अच्छी चीजें हैं उसको ग्रहण कर लीजिए। दो-चार चौपाई से ग्रंथ को कोई फर्क नहीं पड़ता है. उसके मूल तत्व को समझना बहुत जरूरी है। हर बात हर एक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकती।

रामचरितमानस पर कहां से शुरू हुआ पूरा विवाद?
 दरअसल, कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर सवाल खड़े कर दिए थे, उन्होंने कहा था कि जो धर्म आदिवासी, दलित, पिछड़े और महिलाओं का विरोध करता है, शूद्रों के सत्यानाश की बात करता है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो।

प्रतिबंध लगाने की मांग :
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (Chattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने कहा, ‘देखिए बात रामायण के बारे में है, राम के बारे में है… राम को आप किसी भी रूप में देख सकते हैं, “मरा-मरा” बोलेंगे तो भी आखिर में “राम-राम” बोल ही लेते हैं… क्या फर्क पड़ता है। आप किसी भी नाम से जपें। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ पंक्तियां (रामचरितमानस में) हैं जिनमें ‘तेली’ और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है और इनके कारण लाखों लोगों की भावनाएं होती हैं। मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

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