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नई दिल्ली,न्यूज डेस्क (नेशनल थॉट्स):दिल्ली सरकार से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज ने सोमवार को महर्षि अरविंद की 73 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कॉलेज प्रांगण में प्राचार्य प्रोफ़ेसर विपिन कुमार ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । डॉ. हंसराज सुमन , डॉ. प्रदीप कुमार सिंह , डॉ. सुकृति , डॉ. मुकेश कुमार , कु.रिशिता ,आनंद कुमार आदि ने भी उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर कॉलेज के विभिन्न विभागों के शिक्षक भी उपस्थित रहे सभी ने संकल्प लिया कि हम सदैव महर्षि अरविंद के द्वारा बताए गए मार्ग पर चल उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करेंगे ।
कॉलेज के प्राचार्य प्रोफ़ेसर विपिन कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि : महर्षि अरविंद न केवल एक महान दार्शनिक थे बल्कि एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी , शिक्षाविद , योगगुरु तथा भारत की महान संस्कृति के उन्नायक भी थे । उन्होंने योग साधना और अध्यात्म के रास्ते चलकर मानवता के लक्ष्य का मार्ग प्रशस्त किया । उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंद ने उस जमाने की सिविल परीक्षा भी उत्तीर्ण की थीं जिसमें लेटिन और ग्रीक भाषा का ज्ञान आवश्यक था । उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उनके द्वारा बताई गई शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे ।
शिक्षकों व छात्रों ने उनके द्वारा बताए मार्ग पर चलने की शपथ ली :कॉलेज के मीडिया संयोजक व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हंसराज सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि अरविंद ने अभिभाज्य मानववाद तथा आध्यात्मिक क्रमागत उन्नति का सिद्धांत प्रस्तुत किया । उन्होंने कहा कि आध्यत्मिक विकास करते हुए मनुष्य मानवता की अंतिम ऊंचाई तक पहुंच सकता है ।उन्होंने बताया कि महर्षि अरविंद ने अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें द लाइफ डिवाइन व काव्य ग्रंथ सावित्री अत्यधिक प्रसिद्ध है । डॉ.सुमन ने आगे बताया कि महर्षि अरविंद पांडेचेरी के आश्रम में रहते हुए सम्पूर्ण जीवन व्यतीत किया । डॉ. सुमन ने बताया कि उनके जन्म के 100 वर्ष पूर्ण होने के दिन हमारे कॉलेज श्री अरविंद महाविद्यालय की स्थापना की गई । यह कॉलेज 1972 में दिल्ली सरकार के प्रयासों से बनाया गया । इस साल कॉलेज अपना गोल्डन जुबली समारोह मना रहा है जिसके अंतर्गत सालभर कार्यक्रम चलेंगे ।
डॉ. सुमन ने बताया है कि महर्षि अरविंद की पुण्यतिथि के अवसर पर कॉलेज में सड़क सुरक्षा , वर्तमान में महर्षि अरविंद के विचार क्यों प्रासंगिक है ? आदि विषयों पर छात्रों द्वारा प्रतियोगिता आयोजित की गई । यह प्रतियोगिता हिंदी विभाग की नवोन्मेष साहित्य सभा के माध्यम से हुई जिसमें अनेक छात्रों ने बढ़ -चढ़कर भाग लिया ।