बुधवार को सुबह महाकुंभ के संगम पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मचने से दर्जनों श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका है। ‘मौनी अमावस्या’ के दिन संगम पर स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे, जो महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान में शामिल हो रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ की स्थिति तब उत्पन्न हुई जब भीड़ ने एक-दूसरे को धक्का दिया और रास्ते से बाहर निकलने के लिए कोई जगह नहीं बची थी।
चश्मदीदों का बयान
चश्मदीदों ने बताया कि भगदड़ के दौरान कई लोग गिर गए और कुछ लोग लापता हो गए। एक चश्मदीद ने कहा, “हम स्नान के बाद बाहर जा रहे थे, तभी गेट खुल गए और भीड़ आ गई। धक्का-मुक्की से भगदड़ मच गई।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उनकी पत्नी इस भगदड़ में घायल हो गईं, और स्थिति को अराजक बताया।
संगम पर सुरक्षा की कमी
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए, विनय कुमार यादव ने आरोप लगाया कि संगम पर पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कोई पुलिस व्यवस्था नहीं थी। यादव ने कहा, “हम घाट पर जा रहे थे, अचानक वहां भीड़ हो गई और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। पुलिस ने कोई मदद नहीं की।” एक और प्रत्यक्षदर्शी ने भीड़ के बीच फंसे अपने परिवार के सदस्य की मदद करने का अनुभव साझा किया।
मुख्यमंत्री का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ भक्त बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके कारण भगदड़ मची और कुछ लोग घायल हो गए। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सभी से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की।
कुंभ में भारी भीड़
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि महाकुंभ में लगभग आठ से दस करोड़ भक्त मौजूद हैं। यह घटना रात 1 से 2 बजे के बीच हुई, जब भीड़ अधिक थी। उन्होंने कहा कि संतों द्वारा अमृत स्नान का कार्यक्रम निर्धारित समय पर होगा, और भगदड़ के बाद भीड़ में कमी आने के बाद स्नान शुरू होगा।
महाकुंभ का महत्व और भविष्य की योजना
महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में होता है और इस बार 13 जनवरी से शुरू हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस बार करीब 40 करोड़ श्रद्धालु इस धार्मिक महोत्सव में शामिल होंगे।