बीसीसीआई ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट के लिए टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम का शुभारंभ किया है, लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के मुताबिक, घरेलू क्रिकेट में और भी सुधार की आवश्यकता है। उनकी मांग है कि बीसीसीआई को राज्यों के क्रिकेट बोर्ड को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देने के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट में भी कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को लागू किया जाए। इससे न केवल खिलाड़ियों को खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा, बल्कि खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने के लिए आवश्यक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
गावस्कर ने कहा कि राज्य संघ के पास कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम होने से खिलाड़ियों को न केवल खेलने के लिए बाध्य किया जाएगा, बल्कि उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उनका मानना है कि खिलाड़ियों के लिए मिनिमम फाइनेंशियल रिटर्न की गारंटी के साथ डोमेस्टिक क्रिकेट में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि इससे खिलाड़ियों को अधिक रेमुनरेशन पैकेज के साथ-साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
गावस्कर के अनुसार, इसके अलावा खिलाड़ियों के लिए शेड्यूल में बदलाव भी जरूरी है, ताकि वे राज्य क्रिकेट में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने इस परिस्थिति का उदाहरण दिया कि श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने रणजी ट्रॉफी में नहीं खेला, फिर भी उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर किया गया।
इस प्रकार, गावस्कर का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के लागू होने से खिलाड़ियों को न केवल प्रेरित किया जाएगा, बल्कि उन्हें अधिक सुविधाएँ भी प्राप्त होंगी ताकि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।