**सुप्रीम कोर्ट ने बिल लटकाने पर सख्ती दिखाई, पश्चिम बंगाल और केरल के राज्यपालों के खिलाफ नोटिस जारी**
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजने में देरी करने के राज्यपालों के कार्यों को चुनौती दी गई है। दोनों राज्यों ने आरोप लगाया है कि संबंधित राज्यपाल एक वर्ष से अधिक समय से बिना किसी कारण बताए आठ विधेयकों पर विचार नहीं कर रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारिदवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दोनों राज्यपालों के सचिवों को नोटिस जारी किया।
केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी जा रही है जो विधेयकों को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेजने में देरी कर रहे हैं। इसी तरह, पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और जयदीप गुप्ता ने बताया कि जब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध होता है, राज्यपाल का कार्यालय विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज देता है।
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम दोनों राज्यों के विधायिका के लिए महत्वपूर्ण है और यह स्पष्ट करता है कि विधेयकों पर उचित समय सीमा के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए।