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AGR बकाए पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया की रीकैलकुलेशन के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इस निर्णय के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। वर्तमान में वोडाफोन आइडिया का एजीआर बकाया 70,300 करोड़ रुपये है।

वोडाफोन इंडिया, भारती एयरटेल और अन्य दूरसंचार कंपनियों ने अक्टूबर 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। उस फैसले में कंपनियों को सरकार को 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। कंपनियों का कहना था कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने बकाया राशियों की गणना में महत्वपूर्ण त्रुटियाँ की हैं, जिनमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क शामिल हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अदालत पर मनमाना जुर्माना लगाने का आरोप भी लगाया।

एजीआर की गणना पर पिछले 20 वर्षों से विवाद चल रहा है। कंपनियों का कहना है कि इसमें केवल मुख्य राजस्व को शामिल किया जाना चाहिए, जबकि सरकार सभी प्रकार के राजस्व, यहां तक कि गैर-दूरसंचार आय को भी शामिल करती है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दूरसंचार कंपनियों को 180 दिनों के भीतर 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद वोडाफोन इंडिया और भारती एयरटेल को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, और उन्होंने रिकॉर्ड घाटा दर्ज किया।

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