दिल्ली पुलिस द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध का सही ढंग से पालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई महज एक “दिखावा” है, क्योंकि सिर्फ कच्चे माल को जब्त किया गया है, जबकि प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की जरूरत थी।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पटाखों पर प्रतिबंध केवल दिवाली के दौरान नहीं, बल्कि पूरे साल लागू होना चाहिए। अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पटाखों पर प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ (सेल) बनाने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह सभी संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद 25 नवंबर से पहले पटाखों पर “स्थायी प्रतिबंध” लगाने का निर्णय ले।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण को बढ़ावा देना किसी भी धर्म का उद्देश्य नहीं है। पटाखे जलाने से स्वच्छ हवा का अधिकार, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा है, प्रभावित होता है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से 25 नवंबर तक व्यक्तिगत रूप से हलफनामा देकर पटाखा प्रतिबंध पर उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है।
यह निर्देश दिवाली 2024 के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई सुनवाई के बाद आया है।